Tuesday 15 October 2013

क्‍या प्रियंका गांधी होंगी कांग्रेस की पीएम उम्‍मीदवार

बैंगलौर। कल प्रियंका गांधी के कांग्रेस के लिए प्रचार करने की खबरों का पार्टी द्वारा खंडन किये जाने के बाद भी अफवाहों का बाजार गर्म है और कहा जा रहा है कि चुनावी रैलियों में राहुल गांधी के ज्‍यादा प्रभावशाली न होने पर कांग्रेस प्रियंका को बड़ी भूमिकाओं में उतार सकती है।

यह ध्‍यान देने योग्‍य है कपिल सिब्‍बल और राशिद अल्‍वी पहले ही उन्‍हें राजनीति में आने पर जोर दे रहे है। सिब्‍बल ने कहा था कि कांग्रेस में हर किसी को प्रचार करना चाहिए, यूपीए 2 ने अच्‍छे काम किये हैं, जिसके बारे में आम लोगों को इसकी जानकारी देनी चाहिए। इसके अलावा कई कांग्रेसी नेताओं ने भी आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनाव में भी प्रियंका द्वारा चुनाव प्रचार किये जाने की बात कही थी।

देखें- ऐसे कौन के कारण हैं जो कि प्रियंका को सक्रिय राजनीति में लाए जाने की ओर इशारा कर रहे हैं-

1. कांग्रेस के पास मोदी का विकल्‍प न होना इन दिनों में देश के अलग अलग हिस्‍सों में भाजपा के पीएम पद के उम्‍मीदवार नरेंद्र मोदी रैलियां कर रहे हैं। उन्‍होने पिछले दिनों हैदराबाद, छत्‍तीसगढ़ और तमिलनाडु में रैली की। जहां पर उन्‍हें भारी जनसमर्थन मिला। इन रैलियों के अलावा मोदी ने मुंबई के हीरा व्‍यापारियों, सोना व्‍यापारियों और मैनेजमेंट के छात्रों को भी सम्‍बोधित किया, जिसमें लोगों ने उनका समर्थन तो किया ही साथ ही मोदी के नाम पर लोगों में उत्‍साह भी दिखा।

जबकि राहुल गांधी द्वारा पहले छत्‍तीसगढ़ फिर रामपुर, अलीगढ़ और फिर पंजाब के संगरूर में रैलियां की गई जहां वह लोगों में ज्‍यादा उत्‍साह नहीं जगा सके हैं। ऐसे में अब कांग्रेस प्रियंका को फ्रंटफुट पर लाकर मोदी की लोकप्रियता को चुनौती दे सकती है।

2. प्रियंका में इंदिरा की झलक अभी तक सिर्फ यूपी के रायबरेली और अमेठी में चुनाव प्रचार करने वाली प्रियंका में लोग इंदिरा गांधी की छवि देखते हैं। इंदिरा गांधी की भारतीय राजनीति में छवि एक मजबूत और दृढ़ महिला की रही है। वहीं प्रियंका की युवाओं के बीच साफ सुथरी छवि है,‍ जिन पर पहले से ही कांग्रेसी नेताओं का भरोसा रहा है। उम्‍मीद की जा रही है कि इस बार जब सर्वे के परिणाम पार्टी के लिए नकारात्‍मक हैं और लोगों के बीच कांग्रेस की प्रतिष्‍ठा धूमिल हो चुकी है तब प्रियंका को आगे कर पार्टी इमोशनल कार्ड खेल सकती है।

3. आदर्श बेटी और महिला के रूप में प्रियंका अभी तक अपने पिता राजीव गांधी के क्षेत्र में चुनाव प्रचार करती रही हैं, जिससे वह चर्चा में रही हैं, वहीं आम जनता में वह आदर्श बेटी और आदर्श महिला की छवि रखती हैं। जिसका प्रयोग कांग्रेस महिलाओं के वोट बटोरने के लिए कर सकती है। यह भी ध्‍यान देने योग्‍य है कि भाजपा के आरएसएस से जुड़े होने और संघ की आधुनिक महिलाओं के प्रति स्‍टीरियोटाइप छवि होने के कारण प्रियंका युवा और कॉलेज जाने वाली लड़कियों के वोट पार्टी के पाले में ला सकती हैं।

4. प्रियंका पर कांग्रेस की राय लगभग एकमत आम जनता और कांग्रेस के कई नेताओं के बीच राहुल गांधी की संगठन को मजबूत करने की क्षमता पर सवाल उठाये जा रहे हैं। वहीं प्रियंका को आगे लाये जाने पर कार्यकर्ताओं में नये उत्‍साह का संचार होगा और संगठन में मजबूती आएगी। गांधी परिवार के करीबी लोग प्रियंका की राजनीतिक समझ से भी प्रभावित हैं और संजीदा किस्‍म की महिला मानते हैं।

5. पार्टी को नये कलेवर की जरूरत यह कुछ वैसा ही होगा, जैसे किसी चर्चित प्रोडक्‍ट की कुछ समय बाद पैकेजिंग बदल कर फिर से उसे उपभोक्‍ताओं के लिए आकर्षक बनाया जाय, पर सच भी यही है कि अगर घोटालों और कमजोर सरकार के तमगे के बाद भी यूपीए सत्‍ता में आने का सपना देख रही है तो पार्टी को अपना कलेवर बदलना होगा और नये रूप में जनता के सामने आना होगा।

जिसके लिए कांग्रेस के पास प्रियंका ही एक विकल्‍प हैं। उपरोक्‍त सभी कारण इस ओर इशारा करते हैं कि कांग्रेस कुछ बदलाव कर लोकसभा चुनाव में और अधिक आक्रामकता के साथ उतर सकती है, जिसके लिए राहुल की जगह प्रियंका ड्राइविंग सीट पर आ सकती है और भारत की भावी प्रधानमंत्री के रूप में पार्टी को खोया जनाधार दिला सकती है।

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Ditulis Oleh : shailendra gupta Hari: 04:32 Kategori: