Tuesday 8 January 2013

आसाराम बापू पर भडकी कांग्रेस,सोशल मीडिया में भी रोष


नई दिल्ली/ आध्यात्मिक गुरू आसाराम बापू दिल्ली दुष्कर्म पीडिता के बारे में टिप्पणी करने के कारण सोमवार को कांग्रेस और सोशल मीडिया के निशाने पर आ गए। आसाराम ने राजस्थान के टोंक कस्बे में प्रवचन के दौरान कथित रूप से टिप्पणी की थी कि पीडिता को आरोपियों को भाई कहकर संबोधित करना चाहिए था और त्रासदी को टालने के लिए सरस्वती मंत्र का उच्चारण करना चाहिए था। आसाराम ने कहा था कि पीडिता भी दुष्कर्म के आरोपियों के जितना ही दोषी है। उसे आरोपियों के सामने गिडगिडाना चाहिए था। उन्होंने आगे कहा कि केवल एक हाथ से ताली नहीं बज सकती।


इस पर कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा कि ऎसे बयान की जितनी संभव हो सके निंदा की जानी चाहिए। कांग्रेस के ही राशिद अल्वी ने कहा कि राजनीतिक नेता हों या धर्मगुरू, दोनों को मुंह खोलने से पहले गंभीरता से विचार कर लेना चाहिए।

प्रसाद ने कहा,मैं आश्वस्त हूं कि आसाराम हिंदू चिंतन से भलीभांति वाकिफ हैं, जिसके तहत महिलाओं को आदर सम्मान का स्थान हासिल है। इसी तरह हमारे संविधान में भी महिलाओं को बगैर किसी भेदभाव के बराबरी की हैसियत दी गई है। इस मामले में उनके लिए टिप्पणी करना जरूरी नहीं था, जिसने पूरे देश की चेतना को हिला कर रख दिया है। माफ कीजिए इसे कतई स्वीकार नहीं किया जा सकता। सोशल नेटवर्किग साइट पर भी प्रतिक्रियाएं आई।

लेखक चेतन भगत ने व्यंग्य कसा, आशाराम बापू के लॉजिक के अनुसार, मुंबई में कोई अंडरवर्ल्ड अपराध नहीं हो सकते हैं। आखिरकार, यहां हर कोई उन्हें भाई कहता है। तस्लीमा नसरीन ने कहा, पौराणिक धार्मिक गुरू अपने चेलों का अपनी अज्ञानता और मूखर्ता से ब्रेनवॉश करते रहते हैं। सुमन गंगोपाध्याय ने कहा कि मैं आसाराम बापू को नहीं बल्कि इस समाज को गलत मानता हूं। आसाराम बापू को बनाने में इस समाज का अहम भूमिका है आसाराम बापू की नहीं।

ज्ञात रहे, 23 साल की युवती के साथ चलती बस में 16 दिसंबर की रात छह लोगों ने क्रूरतापूर्वक दुष्कर्म किया था और विरोध करने पर उसे व उसके पुरूष मित्र को घोर शारीरिक यातनाएं दी थी। दोनों को घायल हालत में सडक किनारे फेंक दिया। पीडिता को इलाज के लिए सिंगापुर ले जाया गया, जहां 29 दिसंबर को उसकी मौत हो गई थी।

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Ditulis Oleh : shailendra gupta Hari: 05:48 Kategori: