Thursday, 29 November 2012

हम खिलाड़ियों में भेदभाव नहीं करते: खेलमंत्री

नईदिल्ली। युवा कार्यक्रम और खेल राज्‍य मंत्री स्‍वतंत्र प्रभार जितेन्‍द्र सिंह ने लोक सभा में एक प्रश्‍न के लिखित उत्‍तर में बताया कि भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) राष्‍ट्रीय और अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर उत्‍कृष्‍टता हासिल करने के लिए खेल प्रतिभाओं को प्रोत्‍साहन देने हेतु विभिन्‍न खेल प्रोत्‍साहन योजनाओं नामत: राष्‍ट्रीय खेल प्रतिभा प्रतियोगिता (एनएसटीसी), सैन्‍य बाल खेल कंपनियां (एबीएससी), साई प्रशिक्षण केंद्र (एसटीसी), विशेष क्षेत्र खेल (एसएजी), उत्‍कृष्‍टता केंद्र (सीओई) तथा आओ और खेलो, को लागू करता है। साई द्वारा लागू की जा रही विशेष क्षेत्र खेल योजना देश के ग्रामीण, पहाड़ी, जनजातीय और तटीय क्षेत्रों में खेल प्रतिभाओं के प्रशिक्षण और प्रोत्‍साहन के लिए विशेष रूप से उन्‍मुख है।

इस प्रकार का डाटा केंद्रीय स्‍तर पर नहीं रखा जाता। विभिन्‍न राष्‍ट्रीय/अंतरराष्‍ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं के भागीदारों में कोई भेदभाव नहीं किया जाता और खेल विभाग की सभी योजनाएं सभी वर्गों के लिए समान हैं।

राष्‍ट्रीय खेल संस्‍थान (एनआईएस) के प्रशिक्षित कोच विभिन्‍न राज्‍यों के राज्‍य/जिला कोचिंग केंद्रों में मांग के आधार पर भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) द्वारा तैनात/प्रदान किए जा रहे थे। चूंकि, साई में अपनी विभिन्‍न खेल प्रोत्‍साहन योजनाओं के लिए अलग-अलग खेल विधाओं में कोचों की अत्‍यधिक कमी है, इसलिए एक नीतिगत निर्णय लिया गया कि केवल साई की अपनी योजनाओं के लिए कोचों की तैनाती की जाए। कोचों की कमी से निपटने के लिए साई ने 200 कोचों की भर्ती की प्रक्रिया शुरू की हुई है।

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Ditulis Oleh : shailendra gupta Hari: 03:23 Kategori: