‘ आम आदमी’’ के समग्र विकास, समृद्धि और आत्मनिर्भरता के लिये कांग्रेस दल, उसके नेता और कांग्रेस सरकारो ने देश के हर क्षेत्र, हर वर्ग, हर समुदाय के लिये पूरी चिंता से कार्य किया, योजना कार्यक्रम बनाये एवं विकास की अनेक इबारत लिखी।
देश में सबसे कमजोर और दुखी वर्ग था खेतिहर मजदूर और गरीब इसके लिये जो भी कार्यक्रम बनते थे उनमें भ्रष्टाचार और शोषण का ही बोलबाला हो जाता था, कही अधिकारी कर्मचारी, कही गांव के कस्बे के दबंग और कही दोनो मिलकर घपले घोटाले में रिकार्ड बनाकर उसको दबाते थे। इस पर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार कानून ने बहुत बडी सफलता पाई है। इसके क्रियान्वयन में अधिकांश गैर कांग्रेस सरकारो के घपले, घोटाले फर्जी आकडो़ कागजी भुगतान से निपटने के लिये देश की नेता हमारी राष्ट्रीय अध्यक्ष आदरणीया सोनिया गांधी आदरणीया राहुल गांधी और हमारे प्रधानमंत्री ने पूरी दुनिया और देश की समीक्षा कर ‘‘कैश ट्रांस्फर योजना’’ का लम्बे शोध के बाद प्रारंभ की है।
पूरी दुनिया में एैतिहासिक मनरेगा योजना के साथ हमारे देश के गरीब -कमजोर और आम आदमी के लिये भ्रष्टाचार- घपले-घोटाले से दूर ‘‘कैश ट्रांस्फर’’ योजना भ्रष्टाचार और शोषण पर बडा फैसला है।
‘‘कैश ट्रांस्फर योजना’’ देश के जरूरतमंद आम आदमी को दी जा रही सुविधा अनुदान सीधे उसके हाथ में दी जावेगी। इससे राज्य सरकारो के भ्रष्टाचार, कालाबाजारी, मुनाफाखोरी, झूठे आंकडो के साथ अपात्रों द्वारा योजना का अनुचित लाभ लेने के खतरनाक गठजोड़ को समाप्त करने मे बडी सफलता मिलेगी।
‘‘आपका पैसा आपके हाथ’’ योजना में धीरे धीरे सारे अनुदान पात्र व्यक्ति के हाथ में नगद भुगतान की बेमिसाल व्यवस्था है। इसमें गांव कस्बो के चिन्हित और इच्छुक लोगो को अधिकृत किया जाएगा जो संबंधित व्यक्ति तक खुद जाकर उसके आधार नम्बर से उसकी पहचान एक मोबाइल जैसे यन्त्र में अंगूठे के निशान -फोटो लेकर व्यक्ति की प्राथमिकता परख कर उसके पैसे उसके हाथ में देगा। कुछ देर में संबंधित व्यक्ति तक उसके मोबाइल में कितने पैसे दिये गये उसकी जानकारी का एसएमएस भी आ जाएगा।
जैसे व्यक्ति अमीर हो या गरीब अपने मोबाइल में बैलेंस निर्भय होकर प्राप्त करता है उससे अधिक सुरक्षित पारदर्शिता और आसानी से आनी राशि भी प्राप्त कर लेगा। इसमें किसी भी प्रकार की असावधानी, भ्रष्ट्राचार और दबंगई ना हो इसलिये इसके अधिकृत लोग अधिक जिम्मेदार बनाये जायेगे जिसकी सही शिकायत पर एजेंट या अधिकृत व्यक्ति होने वाली कठोर कार्यवाही के नुकसान से डरेगा।
बोगस भुगतान, कालाबाजारी और समय की बर्बादी से बचेगा - मनरेगा, बीपीएल, राशनकार्ड, स्कूल कालेज, स्कालरशिप,मजदूरी, केरोसीन, पेट्रोल, डीजल, गैस सिलेन्डर, खाद, बीज, समर्थन मूल्य पेस्टीसाइड, धार्मिक यात्रा आदि अनेक ऐसे कार्यक्रम है जिनमें आम आदमी को उसकी योजना के लाभ लेने के लिये उसे कभी गेहूॅ कभी केरोसीन, कभी श्क्कर कभी गैस, कभी स्कालरशिप, कभी कापी किताब आदि-आदि के लिये दिन दिन भर इंतजार कर लाइन लगानी पडती है, आपसी धक्कामुक्की के साथ झगडे़ हो जाते है।
राशन वितरक दुकानदार और विभागीय लोग बोगस लोगो के नाम बढ़वा लेते है तथा वास्तविक लोगो के अधिकार की चीजें कालाबाजारी कर बाजार मे बेच कर मुनाफाखोरी कर लेते है। कम भुगतान कर अधिक पर हस्ताक्षर करवा लेते है। हर भुगतान पर कमीशन मांग लेते है। ऐसी सभी स्थिति में आम आदमी को राहत मिलेगी।
जिस व्यक्ति की योजना, लाभ उसी व्यक्ति तक पहुंचेगा। खेत और टेªक्टर का डीजल मंहगीकार में नही जायेगा। गरीब की रोटी का गेहूं/चावल मैदामिल पोहा मिल में नही जायेगा। गरीब का केरोसिन बडे़ उद्योग धंधे की कालाबाजारी मे नही जावेगा।
आम आदमी का स्वाभिमान बढे़गा
जब आम आदमी की राहत उसे नगद रूपयें में मिल जायेगी तब वह भी खुले बाजार से अपनी पसंद की चीज अपनी इच्छा से खरीदेगा उसे गरीबो की लाइन मे खडे़ होकर एक दिन की मजदूरी का नुकसान उठाकर कम या खराब चीज खरीदने को मजदूर नही होना पडेगा। उसका मान-स्वाभिमान बढेगा। हर व्यक्ति में समानता का माहौल बनेगा।