नईदिल्ली। प्रियंका गांधी की राजनीतिक सनसनी से कांग्रेस बच नहीं पा रही है। प्रियंका को सक्रिय राजनीति में उतारने की मांग जोर पकड़ने से पार्टी को असहज स्थिति का सामना करना पड़ रहा है।
इलाहाबाद कांग्रेस कमेटी ने प्रियंका को पंडित जवाहरलाल नेहरू के संसदीय क्षेत्र फूलपुर से लोकसभा चुनाव लड़ाने का प्रस्ताव जारी होने के बाद पार्टी के लिए अब इन प्रतिक्रियाओं को थामना आसान नहीं हो रहा।
हालांकि कांग्रेस हाईकमान पहले ही दो टूक कह चुका है कि प्रियंका सिर्फ रायबरेली और अमेठी में ही चुनाव प्रचार करेंगी।
सोमवार को कुछ समाचार चैनलों में प्रियंका द्वारा देशभर में मोदी के खिलाफ पार्टी का प्रचार करने संबंधी आई खबरों पर पार्टी ने कड़ा रुख जाहिर किया था।
मगर अब कांग्रेस पार्टी अपने ही भीतर से उठ रही मांगों को चाह कर भी रोकने में विफल साबित हो रही है। मंगलवार को जैसे ही इलाहाबाद कांग्रेस कमेटी की ओर से प्रस्ताव जारी करने की खबर आई तो पार्टी के अंदर माहौल असहज हो गया।
शाम तक इससे दूरी बनाने और तवज्जो न देने की कोशिश की गई। कांग्रेस प्रवक्ता मीम अफजल ने कहा कि जब कोई बात होती है तो स्वाभाविक है कि प्रतिक्रिया होगी।
इस मांग पर विचार करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जैसा कि अजय माकन कह चुके है कि रायबरेली और
अमेठी में ही प्रियंका चुनाव प्रचार करेंगी। यही पार्टी को कहना है।
वहीं केंद्रीय मंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने कहा कि प्रियंका गांधी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की चुनाव में मदद करती हैं और उनके संसदीय क्षेत्र में प्रचार भी करती हैं।
राहुल गांधी को पार्टी का शीर्ष नेता बताते हुए उन्होंने अगला लोकसभा चुनाव सोनिया गांधी के नेतृत्व में लड़ने की
बात कही।
कांग्रेस जहां प्रियंका को चुनाव लड़ाने पर दिक्कत महसूस कर रही है तो उसकी सहयोगी पार्टी एनसीपी प्रियंका को
चुनाव लड़ाने के पक्ष में है।
केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री और एनसीपी नेता तारिक अनवर ने कहा कि प्रियंका को चुनाव लड़वाने से कांग्रेस को ही
फायदा होगा। उनके मुताबिक लोग प्रियंका में इंदिरा गांधी की छवि को देखते हैं।