Thursday 13 December 2012

राहुल गांधी का हल्लाबोल!

चंदा बारगल/विचार-वीथिका/ गुजरात विधानसभा के चुनाव में भाजपा की साख दांव पर है। 13 दिसंबर को प्रथम चरण का मतदान हो चुका है। मंगलवार को ही इन 87 क्षेत्रों में प्रचार की रणभेरी थम गई थी। गुजरात के इस चुनावी दंगल में कांग्रेस और भाजपा-ये दोनों प्रमुख दल हैं।

इन क्षेत्रों में आखिरी दिनों में प्रचार चरम पर पहुंच गया था। गुजरात विधानसभा की 187 सीटों में से 117 भाजपा के कब्जे में है, इसलिए कांग्रेस ने इस चुनाव में अपनी संपूर्ण ताकत झोंक दी है। चुनाव प्रचार के अंतिम दिन कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने चुनावी सभाओं को संबोधित करते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा निशाना साधा। 

उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति गुजरात को नहीं चला सकता। भारतीय जनता पार्टी 'केडर बेस्ड' पार्टी है, सतत इस बात का प्रचार किया जाता है, यह भी बार—बार कहा जाता है कि पार्टी के पास कार्यकर्ताओं का बड़ा नेटवर्क है, परंतु गुजरात में क्या दृश्य दिखता है? गुजरात में प्रचार के लिए कौन आए और कौन नहीं, यह नरेंद्र मोदी तय करते हैं। चुनाव की प्रचार मुहीम कैसे चलाना और देश के वरिष्ठ नेताओं को प्रचार में भागीदार बनाना, इसका फैसला पार्टी की कार्यकारिणी या कोर कमेटी करती है। 

जिन नेताओं का गुजरात में प्रभाव पड़ सकता है , ऐसा कोई भी नेता प्रचार कर सकता है और सभा को संबोधित कर सकता है किंतु भारतीय जनता पार्टी की कथित अनुशासित चुनाव मशीनरी मोदी के खूंटे से बंधी है। अमुक नेता गुजरात में प्रचार के लिए नहीं आए, ऐसा फतवा उनके द्वारा जारी किया जाता है तो वह नेता गुजरात में प्रचार के लिए नहीं जा सकता। 

नरेंद्र मोदी ने अपनी ही पार्टी के अध्यक्ष नितीन गडकरी के खिलाफ फतवा निकालकर यह दिखा दिया कि वे पार्टी और पार्टी के तमाम नेताओं के उपर हैं। इस कारण गडकरी गुजरात में प्रचार के लिए नहीं जा सके। राहुल गांधी ने इसी संदर्भ में स्पष्ट कहा कि एक व्यक्ति गुजरात नहीं चला सकता। राहुल गांधी की बात में दम भी है और तथ्य भी। नरेंद्र मोदी ने गुजरात का भरपूर विकास किया है, यह बात बार-बार कही जाती है और हम भारतीयों की मन:स्थिति ऐसी है कि एक ही बात बार-बार कहो, तो गलत बात भी सही लगने लगती है। 

गुजरात के विकास के मामले में भी ऐसा ही हुआ है। गुजरात के आंकड़ों को देखें तो विकास का नामो—निशान भी नहीं दिखता। मोदी ने भरपूर विकास किया है, ऐसा सर्टिफिकेट उन्हें बाहरी लोगों ने दिया है। आखिर, ये बाहर के लोग कौन हैं, ये उद्योगपति हैं, पूंजीपति हैं। मोदी हर साल निवेशकों को आक​र्षित करने के लिए वाईब्रेंट समिट आयोजित करते हैं और उद्योगपतियों को गुजरात में उद्योग लगाने के लिए भरपूर सुविधाएं देने का आश्वासन देते हैं, बदले में ये उद्योगपति मोदी की तारीफ के पुल बांधते हैं। 

इस प्रकार की स्तुति या सर्टिफिकेट मोदी को गुजरात की आम जनता, किसान या स्थानीय उद्योगपति ने दिया है क्या? जवाब होगा नहीं। आम जनता के द्वारा अब तक ऐसा कोई सर्टिफिकेट नहीं दिया गया है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि गुजरात में पारदर्शिता का ढिंढोरा पीटने वाले मोदी ने पिछले 15 सालों में राज्य में लोकायुक्त की नियुक्ति न की और नहीं होने देने के लिए ऐड़ी-चोटी का जोर लगा लिया। राहुल गांधी ने एक प्रकार से मोदी पर हल्ला बोलकर आम गुजराती की भावना ही व्यक्त की है।

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Ditulis Oleh : shailendra gupta Hari: 01:51 Kategori: