झारखण्ड/रांची/ कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि वह झारखंड मुक्ति मोर्चा के अजरुन मुंडा सरकार से समर्थन वापसी की घोषणा का स्वागत करती है लेकिन वह उसे सशर्त तभी मदद करेगी जब वह मुंडा सरकार से समर्थन वापसी का पत्र राज्यपाल को सौंप कर स्थिति को पूरी तरफ स्पष्ट कर देगी।
झारखंड के प्रभारी एवं कांग्रेस के प्रवक्ता शकील अहमद ने दिल्ली से बताया कि उनकी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा के भाजपा सरकार से यहां समर्थन वापसी के आज के फैसले का स्वागत करती है लेकिन कांग्रेस उसे किसी भी प्रकार की सशर्त मदद तभी करेगी जब झामुमो एक बार सरकार से समर्थन वापसी का पत्र राज्यपाल को सौंप देगा।
झारखंड में कांग्रेस विधायक दल के नेता और विपक्ष के नेता राजेन्द्र सिंह ने बताया कि मंगलवार को यदि झामुमो अजरुन मुंडा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार से समर्थन वापसी का पत्र राज्यपाल को सौंप देता है तो स्थिति विधिवत साफ हो जाएगी और फिर निश्चित तौर पर कांग्रेस उनको मदद करेगी। सिंह ने एक सवाल के जवाब में कहा कि दिल्ली में वह शकील अहमद और झारखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रदीप बलमुचु एक साथ बैठे और झारखंड की स्थिति पर डेढ़ घंटे तक विस्तृत बातचीत हुई।
उन्होंने कहा कि आज बलमुचु ने झारखंड की स्थिति पर पार्टी अध्यक्षा सोनिया गांधी को भी मिलकर विस्तृत जानकारी दे दी है। यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस झारखंड में झामुमो के साथ मिलकर नयी सरकार बनायेगी अथवा उसे बाहर से समर्थन देगी, सिंह ने कहा कि इस सब बारे में पार्टी अध्यक्षा अथवा राहुल गांधी ही अंतिम फैसला लेंगे। लेकिन झारखंड के विधायकों का मत है कि राज्य में राष्ट्रपति शासन नहीं लागू होने देना चाहिए।
दूसरी ओर, पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सुबोधकांत सहाय ने भाजपा पर हमला बोलते हुए उसे धोखेबाज करार दिया है और कहा है कि 28-28 माह सरकार चलाने के मुद्दे पर उसने झामुमो को धोखा दिया है। इस बीच, एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि कांग्रेस के राज्य में किसी भी नई सरकार में शामिल होने की संभावना नहीं है अलबत्ता वह झामुमो और राजद को यहां नयी सरकार के गठन में बाहर से ही मदद कर सकती है।