
राठौर ने मुख्यमंत्री के एफडीआई को लेकर दिए उस ब्यान की भी निंदा की
जिसमें उन्होंने कहा है कि केंद्र एफडीआई देश की जनता पर थोप रहा है।
राठौर ने कहा कि केंद्र एफडीआई को देश की जनता पर थोप नहीं रही, बल्कि प्रदेश के मुख्यमंत्रियों से विचार करने के बाद ही इसे लागू किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से लोकसभा व राज्यसभा में भाजपा व वामपंथियों द्वारा एफडीआई को लेकर लाया प्रस्ताव औंधे मुंह गिरा है उससे देश में भाजपा नेताओं का चेहरा बेनकाब हो गया है। उन्होंने देश में एफडीआई लाने के लिए प्रधानमंत्री सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व केंद्रीय वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा को बधाई दी।
राठौर ने भाजपा व वामपंथियों को घेरते हुए कहा कि जब भी कांग्रेस ने देश में विकास की बात की है तो इन दोनों पार्टियों के नेताओं ने देश को पीछे खींचने का प्रयास किया है। फिर चाहे पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के आईटी को बढ़ावा देने की बात हो या वर्तमान में एफडीआई की। उन्होंने कहा कि आज देश में आईटी में बहुत तरक्की हुई है इससे देश का नाम विश्व में अग्रणी है। उन्होंने कहा कि जब संसद ने एफडीआई बिल को पास कर दिया है तो फिर देश पर थोपने का प्रश्न ही पैदा नहीं होता है। उन्होंने मुख्यमंत्री व भाजपा नेताओं को एफडीआई का स्वागत करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि इसके लागू होने से किसानों व बागवानों का शोषण रुकेगा तथा उनकी आय बढ़ेगी साथ ही रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के सत्ता में आने पर एफडीआई को राज्य में लागू करेगी। एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि कांग्रेस के प्रदेश में जीतने पर मुख्यमंत्री का चयन जीते हुए विधायक तथा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी करेंगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के पद को लेकर कांग्रेस में किसी भी तरह की खींचतान नहीं है।