नई दिल्ली/ बलात्कार जैसे अपराध से निपटने के लिए कड़े कानून की वकालत करते हुए कांग्रेस ने आज बताया कि उसने न्यायमूर्ति वर्मा समिति को अपने सुझाव सौंप दिये हैं। कांग्रेस प्रवक्ता पी सी चाको ने यहां संवादाताओं बताया कि कांग्रेस ने न्यायमूर्ति वर्मा समिति को अपने सुझाव सौंप दिये हैं लेकिन उन्होंने इस सुझावों के बारे में विस्तृत जानकारी देने से इंकार कर दिया। सरकार ने गत 23 दिसम्बर को महिलाओं के खिलाफ यौन अपराध की रोकथाम से संबंधित मौजूदा कानूनों की समीक्षा करने और सिफारिश देने के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है।
उन्होंने कहा कि सुझावों का खुलासा करने से बहस शुरू हो जायेगी और समिति द्वारा अपनी सिफारिशे सौंपे जाने से पहले माहौल बिगड़ेगा। अपने सुझावों में पार्टी ने किशोर न्याय कानून की समीक्षा किये जाने पर भी जोर दिया है। चाको ने यह बताने से भी इंकार किया कि क्या पार्टी ने जो सुझाव दिये हैं उनमें यौन अपराधों के दोषी को रायासनिक रूप से नपुसंक बनाने की भी बात शामिल है।
उधर, मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने स्कूल आफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर (एसपीए) में पिछले साल सितंबर में हुयी रैगिंग की घटना को गंभीरता से लेते हुए मामले की नए सिरे से जांच कराने का आदेश दिया है। मंत्रालय ने संस्थान के निदेशक प्रो. चेतन वैद्य से स्पष्टीकरण मांगा है।
मंत्रालय ने आदेश दिया है कि रैगिंग की घटना की नए सिरे से जांच करायी जानी चाहिए। इस घटना में प्रथम वर्ष का एक छात्र जख्मी हो गया था। यह पूछे जाने पर कि क्या मंत्रालय ने संस्थान को घटना की जांच के बारे में कहा है, उच्च शिक्षा सचिव अशोक ठाकुर ने हां में जवाब दिया। अधिकारियों ने बताया कि एसपीए ने पहले एक आरंभिक रिपोर्ट दी है।
उन्होंने बताया कि यूजीसी और मंत्रालय के रैगिंग रोधी कार्यक्रम की निगरानी के लिए जवाबदेह राजेंद्र कचरू भी इस मामले को देख रहे हैं। इस घटना के सिलसिले में पुलिस में भी एक मामला दर्ज किया गया है।