Tuesday 22 January 2013

खान ने बताया: हाफिज नाम नहीं पदनाम है


भोपाल। कांग्रेस नेता अशर अली खान ने आज एक प्रेस रिलीज कर कहा कि हाफिज शब्द व्यक्ति नहीं पद के लिए इस्तेमाल किया जाता है और हाफिज पद का सम्मान ठीक उसी प्रकार किया जाना चाहिए जैसे आप अपने गुरूओं का करते हैं। श्री खान ने कहा कि दिग्विजय सिंह ने कुछ भी गलत नहीं किया, बल्कि धर्म का सम्मान रखा है। 

कांग्रेस के राष्ट्रीय महामंत्री दिग्विजय सिंह द्वारा हाफिज सईद को हाफिज साहब बोलना सर्वथा स्वागत योग्य है। हाफिज कोई व्यक्ति नहीं वरन धार्मिक पद अर्थात उपाधि होता है जिसमें व्यक्ति को इस्लाम की दीनी तालीम को पहले खुद लेना होता है, उसके बाद उसे अन्य व्यक्तियों को ताउम्र देना ही उसका धर्म उसका ईमान उसकी ड्यूटी होती है। मुस्लिम समाज में हाफिज शब्द का दर्जा बहुत बड़ा होता है। 

इस पद पर बैठा व्यक्ति अच्छा या बुरा हो सकता है, उसके कर्म उसके आचरण अच्छे बुरे हो सकते हैं, किन्तु पद योग्यता का पर्याय होता है। हम जब भी गुरू, शिक्षक, धर्म गुरू के पद को संबोधित करेंगे तो उसके प्रति आदर व्यक्त करना हमारे संस्कार और मर्यादा है। 

भोपाल जिला कांग्रेस कमेटी निगरानी समिति के अध्यक्ष अशर अली खांन ने दिग्विजय सिंह द्वारा हाफिज पद को आदत देने का स्वागत करते हुए आरएसएस और भाजपा के लोगों को आड़े हाथ लेकर उनसे हाफिज पद को घटिया राजनीति में उपयोग करने की कड़ी निंदा की है। श्री खान ने कहा कि जिनके संस्कार जैसे होते हैं, उनकी नीति नियत और परिभाषा वैसी हो जाती है। 

भारतीय संस्कृति और सर्वधर्म सम्भाव के प्रतीक दिग्विजय सिंह कड़े अनुशासन वाले व्यक्ति को जितना सम्मान दिया जाए कम है। वे एक ऐसे नेता हैं जो बिना आधार के कुछ भी नहीं बोलते और न ही पक्षपात करते हैं। 

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Ditulis Oleh : shailendra gupta Hari: 05:05 Kategori: