नईदिल्ली। कांग्रेस ने आज इस बात को खारिज किया कि दिग्विजय सिंह और मधुसूदन मिस्त्री जैसे नेताओं को राज्यसभा का उम्मीदवार बनाना लोकसभा चुनावों में पराजय को लेकर पार्टी के अंदर घबराहट का किसी तरह का संकेत देता है।
पार्टी प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं ऐसा नहीं समझता। यह राज्य इकाइयों ने कांग्रेस अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की अनुमति से तय किया है।’’ उन्होंने कहा कि यह पार्टी द्वारा लिया गया एक राजनीतिक फैसला है। मैं इससे आगे और कुछ नहीं कहना चाहता।’’
संवाददाताओं ने उनसे उस धारणा के बारे में पूछा था कि वरिष्ठ नेताओं द्वारा संसद पहुंचने के लिए राज्यसभा का रास्ता अख्तियार किया जाना पार्टी में लोकसभा चुनावों का सामना करने को लेकर पार्टी में घबराहट को दर्शाता है। कांग्रेस की यह टिप्पणी एआईसीसी के सचिव सज्जन सिंह वर्मा द्वारा दिग्विजय सिंह को मध्य प्रदेश से राज्यसभा भेजने के कांग्रेस आलाकमान के निर्णय पर सवाल खड़ा किये जाने के एक दिन बाद सामने आयी है।
लोकसभा सदस्य वर्मा ने कहा था, ‘‘मेरी समझ के अनुसार, दिग्विजय सिंह को मध्य प्रदेश से राज्यसभा का उम्मीदवार बनाने का पार्टी आलाकमान का फैसला अनुचित है। उनमें (दिग्विजय सिंह) इंदौर, सागर और विदिशा से लोकसभा चुनाव जीतने की पूरी क्षमता है। उन्होंने कहा कि जब 86 साल के लालकृष्ण आडवाणी लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं तो उन्हें (दिग्विजय सिंह को) भी इसी तरह का रूख अपनाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस को प्रदेश पार्टी प्रमुख अरूण यादव और महिला कांग्रेस अध्यक्ष शोभा ओझा जैसे युवा नेताओं को मध्य प्रदेश से राज्यसभा भेजना चाहिए था। कांग्रेस नेता ने मोतीलाल वोरा, मुरली देवड़ा और मधुसूदन मिस्त्री जैसे नेताओं के राज्यसभा में मनोनयन पर भी कड़ी आपत्ति जताई थी।