न्यूयार्क : अमेरिका की एक संघीय अदालत 1984 के सिख दंगे के संबंध में मानवाधिकार हनन के मामले को रद्द करने की मांग करने वाली कांग्रेस पार्टी की याचिका पर 19 मार्च को सुनवाई करेगी। संघीय न्यायाधीश रॉबर्ट डब्ल्यू.स्वीट न्यूयार्क के दक्षिणी जिले के संघीय अदालत में 17 जनवरी को कांग्रेस द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करेंगे।
इस याचिका में सिख्स फॉर जस्टिस (एसएफजे) के मुकदमे को चुनौती दी गई है। याचिका के पक्ष में कांग्रेस ने पार्टी कोषाध्यक्ष मोतीलाल वोरा के 2012 के घोषणापत्र को फिर से पेश किया है। इसमें दावा किया गया है कि हेग सर्विस कन्वेंशन के तहत पार्टी को अमेरिकी अदालत का सम्मन नहीं मिला है।
इसने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) और अमेरिका स्थित इंडियन नेशनल ओवरसीज कांग्रेस (आईएनओसी) के बीच किसी तरह के संबंध से भी इंकार किया है।
एसएफजे के कानूनी सलाहकार गुरपतवंत सिंह पन्नू के मुताबिक, इस मामले पर संस्था 17 फरवरी तक प्रतिक्रिया दे सकती है।
पन्नू ने पार्टी पर आरोप लगाया है कि यह वोरा के दो साल पुराने घोषणापत्र को पेश कर अमेरिकी अदालत को गुमराह कर रही है।
19 सिंतबर, 2013 को न्यायालय ने अपने फैसले में कहा था कि कांग्रेस ने हेग सर्विस कन्वेंशन के अंदर काम किया है और आईएनसी व आईएओसी के बीच छिपे हुए रिश्ते की जांच के लिए इजाजत दी है।
कांग्रेस की याचिका को खारिज करने के लिए एसएफजे कांग्रेस पार्टी के नेताओं द्वारा आईएनओसी के पदाधिकारी की हाल में हुई नियुक्ति का सबूत पेश करेगी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।