Thursday 8 November 2012

रामलीला मैदान में कांग्रेस अध्यक्ष माननीय सोनिया गांधीजी के भाषण के प्रमुख अंश


महारैली-रामलीला मैदान-नईदिल्ली/ 4 नवंबर 2012/ आज आप सबको इस रामलीला मैदान में देखकर मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है। आप हमारे देश के विभिन्न राज्यों से भारी संख्या में यहां पधारे हैं, मैं तहे—दिल से आपका स्वागत करती हूं। इतनी बड़ी संख्या में आप सबको देखकर सिर्फ खुशी ही नहीं मिलती, बल्कि हौसला भी मिलता है और नई उर्जा भी मिलती है। 


जैसा कि आप सभी जानते हैं, कांग्रेस पार्टी हमेशा से गरीबों, कमजोर वर्गों, आम आदमी, किसानों और कामगारों की पार्टी रही है। हमारी पार्टी न केवल भारत की आजादी की लड़ाई लड़ी, बल्कि भारत को हर सूरत में आधुनिक भारत बनाने का कार्य भी किया है। हमारे महान नेता न केवल हमारे लिए, बल्कि समूचे देश के लिए प्रेरणा के स्त्रोत रहे हैं। त्याग, सेवा और राष्ट्रीय विकास में कांग्रेस का योगदान बे—जोड़ रहा है। हमारी पार्टी एक ऐसी पार्टी है, जो सेक्युलर मूल्यों पर चलती है, जो सबको एकता के सूत्र में बांधती है और भारत की अनेकता का सम्मान करती है। इस मामले में हमारा मुकाबला कोई दूसरा नहीं कर सकता। 

साथियों, यह रैली हमने क्यों बुलाई? 


इसलिए बुलाई, कि हम आपके माध्यम से यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि आज हमारा देश, तमाम राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक चुनौतियों का सामना कर रहा है, उस समय कांग्रेस पार्टी का यह दृढ़ संकल्प है कि हम उन सब चुनौतियों का सामना करेंगे, कामयाब होंगे और इसके सार्थक परिणाम भी निकलेंगे।

आज—कल तरह—तरह की खबरों की आंधियां चल रही हैं। सरकार और पार्टी पर तरह—तरह के इल्जाम और आरोप लगाए जा रहे हैं, तो इसमें सच क्या है और झूठ क्या है, इसको परखना और समझना जरूरी हो जाता है। 

आपने दो हजार चार में हमें विश्वास देकर चुना, आपने दो हजार नौ में इसे फिर दोहराया, लेकिन कुछ राजनीतिक पार्टियों ने इस सीधी सच्चाई को अभी जक स्वीकार नहीं किया, अभी तक पचा नहीं पाए। वे आप द्वारा चुनी हुई सरकार को, किसी न किसी तरह कमजोर करना चाहते हैं। वे लगातार संसद की कार्यवाही में बाधा डाल रहे हैं, ऐसा क्यों? इसका सीध—सा उत्तर यह है कि ये लोग जन—कल्याण् के कानून पास नहीं होने देना चाहते, राष्ट्र के महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा नहीं करना चाहते। क्योंकि जिन मुद्दों पर चर्चा करना जरूरी है, उसमें ये खुद पूरी तरह फंसे हुए हैं, उनका दोहरा चेहरा सामने आएगा। मैं स्पष्ट तौर पर कहना चाहती हूं, वे हमारे लोकतंत्र की बुनियाद को कमजोर करना चाहते हैं। 

क्या हम उन्हें ऐसा करने देंगे? 


बिल्कुल नहीं। मैं जोर देकर कहना चाहती हूं, कभी नहीं। हमारी वह पार्टी है, जिसने संसदीय लोकत़ंत्र की आधार—शिला रखी है। कांग्रेस वह पार्टी है जिसने लगातार संसद में संविधान के साथ खिलवाड़ करने वाली शक्तियों को ऐसा करने की इजाजत नहीं दी और हर्गिज नहीं देगी। 

जिन्हें संविधान से ख्लिवाड़ करने में हिचक नहीं होती, जिन्हें लोकत़ंत्र की बुनियाद कमजोर करने में हिचक नहीं होती, वही लोग दूसरों पर झूठे आरोप लगाने में भी संकोच नहीं करते। 
हां, वे उसी पार्टी के लोग हैं जो हमें भ्रष्टाचार पर भाषण देते हैं, जो कल तक हम पर इल्जाम लगा रहे थे, उन्हें देखा तो पता चला, वे भ्रष्टाचार के कीचड़ में पूरी तरह डूबे पड़े हैं। कहते हैं कि जो दूसरों के लिए गड्डा खोदता है, उसके लिए कुआं तैयार रहता है। 

हां, मैं मानती हूं कि भ्रष्टाचार एक कैंसर है, जो गरीब आदमी को सबसे ज्यादा मारता है। हमने पूरी शक्ति से, बिना किसी भेद—भाव के इसका मुकाबला किया है और आगे भी करेंगे। जिसके भी खिलाफ भ्रष्टाचार साबित होगा, उसे कानूनी तौर पर बख्शा नहीं जाउगा। हमने ही 'सूचना के अधिकार'का क्रांतिकारी कानून बनाया है। यह वह कानून है, जिसके जरिए एक आम आम नागरिक किसी भी सरकार से, सच्चाई का पता लगा सकता है। आप खुद से पूछिए, क्या ऐसा कानून कोई ला सकता है, जो भ्रष्टाचार छिपाना चाहता है? ऐसा कानून सिर्फ वही लाएगा, जो भ्रष्टाचार मिटाना चाहता है। यही वजह है कि हम लोकपाल बिल लाए, जिसे भाजपा ने राज्यसभा में पास नहीं होने दिया। फिर भी इसे पास कराने के लिए हमारा संघर्ष जारी रहेगा और मैं उम्मीद करती हूं कि हम कामयाब होंगे। 

भाइयों और बहनों, 

आज सारी दुनिया में आर्थिक और वित्तीय संकट है। कोई भी देश इसके प्रभाव से नहीं बच सकता। फिर भी तुलना करके देखें, तो अन्य देशों के मुकाबले, हमारे देश में आर्थिक विकास की गति रूकी नहीं है। हमारा अनुमान है कि हर साल देश में अस्सी से सौ लाख युवक रोजगार की तलाश में आते हैं। शायद दुनिया का कोई भी देश इतनी बड़ी चुनौती का सामना नहीं कर रहा है। इसीलिए नये निवेश की आवश्यकता है, जिसमें एफडीआई भी एक हिस्सा है। उसका फायदा न केवल हमारे किसान भाइयों को बल्कि आम नागरिक को और नौजवानों को मिलेगा। 

मैं अच्छी तरह जानती हूं, कि महंगाई का बोझ आम जनता, खासकर मेरे गरीब भाई—बहनों पर बहुत भारी पड़ रहा है। मैं दिल से यह समझती हूं और हमारी भी कोशिश है कि सरकार आपकी कठिनाइयों को दूर करने का पूरा प्रयास करे। लेकिन समस्या यह है कि हम अस्सी प्रतिशत कच्चा तेल बाहर से आयात करते हैं। विश्व के बाजार में तेल की कीमतें पिछले एक दशक में करीब—करीब चार गुनी हो गई हैं। इससे हमें मजबूर होकर कुछ कठिन निर्णय लेने पड़े। आज भी हम डीजल, मिट्टी के तेल और रसोई गैस में सब्सिडी दे रहे हैं। हमें यूरिया में भी सब्सिडी देना पड़ती है, क्योंकि दुनिया के बाजार में उसकी भी कीमत बढ़ी है। फिर भी हर तरह के आर्थिक दबाव के बावजूद, हमारी सरकार ने राशन की दूकानों के गेहूं और चावल की कीमतें नहीं बढ़ाईं। हम खाद्य—सुरक्षा का कानून भी लागू करने की तैयारी कर रहे हैं। यह सब हमारी पार्टी और प्रधानमंत्री डॉ मनमोहनसिंह जी के नेतृत्व में यूपीए सरकार की आम आदमी के प्रति संवेदनशीलता का सबूत है। 

साथियों, 

अभी हमारे प्रधानमंत्री डॉ मनमोहनसिंह जी ने यूपीए सरकार की उपलब्धियों पर विस्तार से प्रकाश डाला है। मैं उसे दोहराना नहीं चाहती। 

हमारी सरकार की निंदा करने वालों से मैं सिर्फ इतना पूछना चाहती हूं कि क्या आपने आज तक कोई ऐसी सरकार चलाई है? जिसने ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में आर्थिक और सामाजिक परिवर्तन के, इतने कम समय में इतने क्रांतिकारी कदम उठाए हों? 

मैं आपके माध्यम से अपने देश भर के, गांव-गांव में मौजूद कांग्रेस के अपने साथियों से कहना चाहती हूं कि हमें पूरे हौसले से अपना काम करना है। हमें पूरे आत्म-विश्वास के साथ अपने विरोधियों के षडयंत्र का जवाब देना है। कांग्रेस का दिल साफ है, कांग्रेस का दामन साफ है और कांग्रेस की नीयत साफ है। कांग्रेस को किसी से आंख चुराने की जरुरत नहीं है। 

हम पूरी ईमानदारी के साथ गरीबों, दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों, अक्लियतों, महिलाओं, बच्चों, युवाओं और सभी कमजोर वर्गों के हित में काम कर रहे हैं। देश के युवाओं को कांग्रेस से बहुत उम्मीदें हैं। हमें उनके सपनों को साकार करना है। हम देश को एक नया भविष्य देने की दिशा में, आगे बढ़ते रहेंगे। हमारे इस अभियान को कोई भी बाधा नहीं रोक सकती। हम सबको मिलकर आगे चलना है और अपने देश को आगे बढ़ाना है।

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Ditulis Oleh : shailendra gupta Hari: 23:29 Kategori: