Friday 9 November 2012

विरोधियों के झूठे प्रचार का सख्त जबाव दें: माननीय सोनिया गांधी



सूरजकुंड / नई दि्ल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपने विरोधियों पर किसी भी कीमत पर सत्ता हथियाने का प्रयास करने का आरोप लगाया और पार्टीजनों से आह्वान किया कि वे उनके झूठे प्रचार का सख्ती से जवाब दें।


पार्टी द्वारा आयोजित एक-दिवसीय संवाद बैठक में सोनिया ने अपने प्रारंभिक भाषण में सरकार को ताकीद की कि 2009 के कांग्रेस घोषणा पत्र के अधूरे कामों को पूरा करने में सरकार में शामिल लोग जी-जान से जुट जाएं। कांग्रेस अध्यक्ष ने विपक्ष को आड़े हाथ लेते हुए कहा, हमारे विरोधी और विपक्षी दल राजनीतिक, नैतिक और नीति के स्तर पर भ्रम फैलाने पर आमादा हैं, लेकिन हमें उनके झूठे प्रचार का सख्ती से जवाब देना है। हमें पता है कि असल में उनका इराद किसी भी तरह, किसी भी कीमत पर सत्ता हासिल करना ही है, भले ही उनकी इस लालच के कारण लोकतंत्र, समानता, स्वाधीनता और धर्मनिरपेक्ष मूल्य क्यों न कमजोर हो जाएं।

उन्होंने यह स्वीकार किया कि वैश्विक आर्थिक मंदी के कारण उभरे मौजूदा गंभीर हालात के चलते सरकार को कुछ ऐसे फैसले लेने पड़े, जिनकी वजह से आम लोगों को काफी तकलीफ हुई है। उन्होंने कहा कि सरकार को सुनिश्चित करना होगा कि जो भी संसाधन हमारे पास हैं, उनका सही तरीके से इस्तेमाल हो और जिन्हें सबसे ज्यादा जरूरत है, उन तक वे जरूर पहुंचे।

सोनिया ने कहा कि पार्टी के कई साथियों को समय-समय पर सरकार के कुछ फैसलों पर और उन्हें लिए जाने के वक्त पर ताज्जुब होता रहा है। पार्टी के अनेक साथी मंत्रियों द्वारा उनकी चिंताओं और सुझावों पर पूरा ध्यान न देने पर वे असंतुष्ट भी होते रहे हैं। उन्होंने कहा कि समाज के सभी वर्गों खासकर महिलाओं, दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों और अन्य कमजोर वर्गों के सामने जो कठिनाइयां हैं, उन्हें हल करने के लिए फौरन कदम उठाने की जरूरत है।

पार्टी और सरकार के बीच सोच में भिन्नता के संदर्भ में उन्होंने कहा कि हमारी व्यवस्था में पार्टी चुनाव लड़ती है और जीतने पर सरकार बनाती है। उन्होंने कहा कि सत्ता में आने के बाद जो साथी सरकार में हैं, उन्हें अपनी चुनौतियों और जिम्मेदारियों का सामना करना पड़ता है जबकि पार्टी के साथी उम्मीद करते हैं कि सरकार, पार्टी की मान्यताओं के अनुसार चले। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा दूसरी ओर सरकार महसूस करती है कि पार्टी के साथी सरकार की मजबूरियां समझे। शायद दोनों के विचार में सच्चाई है।

इसके साथ ही उन्होंने स्वीकार किया कि पार्टी और सरकार बेशक आपास में राय-मशविरा करते तो हैं, लेकिन आम तौर से यह खास फैसलों के संदर्भ में ही किया जाता है। उन्होंने कहा कि विशेष फैसलों के अलावा भी, सरकार और पार्टी के बीच संवाद, राय मशविरा होता रहे, यह जरूरत महसूस की जाती रही है।

पार्टी और सरकार के बीच तालमेल की आवश्यकता पर जोर देते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता होने के नाते हम सभी एक ही परिवार के सदस्य हैं। हममें से हरेक की अपनी जिम्मेदारी है, वह चाहे सरकार के मंत्री के तौर पर हो, चाहे संगठन में पदाधिकारी के तौर पर। उन्होंने कहा कि यह स्वभाविक ही है कि कभी-कभी ऐसे मौके आए कि हमें पार्टी और सरकार दोनों की जिम्मेदारियों के निर्वाह में संतुलन बैठाने की जरूरत महसूस हो। इसके लिए संवाद और विचार-विमर्श के प्रभावी मंचों का होना जरूरी है, यह संवाद बैठक ऐसा ही एक सार्थक मंच है। उन्होंने कहा कि जो साथी सरकार में शामिल हैं और जो संगठन में काम कर रहे हैं, उनके बीच इस मंच के अलावा भी संवाद जारी रहना चाहिए।

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का समर्थन करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, दुनिया भर में आई आर्थिक मंदी के कारण पिछले कुछ वर्ष हमारे लिए कठिन रहे हैं। लेकिन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी के कुशल नेतृत्व में हमारी सरकार ने हमें इस कठिनाई से काफी हद तक बचा लिया है, जबकि हमसे बहुत ज्यादा समृद्ध देश संकट में हैं। सोनिया ने पार्टी से कहा कि वह जनता के बीच जाकर उन मजबूरियों के बारे में साफ तौर पर बताएं और समझाएं, जिनकी वजह से यह कठिन फैसले लिए गए हैं।

पिछले आठ साल के यूपीए शासन के बारे में उन्होंने दावा किया कि इतने वर्षों में हमारी शानदार उपलब्धियों का इतिहास हमारे साथ है। उन्होंने कहा कि पिछले आठ सालों में हमने अपने भारत को बहुत हद तक ज्यादा संवेदनशील भारत बनाया है। उन्होंने कहा कि इन सालों में समाज के सभी वर्गों खासकर कमजोर वर्गों के लिए हमने बहुत ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। हालांकि अब भी हमारे सामने बहुत कठिन चुनौतियां हैं। फिर भी इतिहास इस बात की गवाही देगा कि हमारे बेमिसाल कार्यक्रमों और कानूनों ने भारत की तस्वीर बदली है।

पार्टी की इस एक-दिवसीय संवाद बैठक में केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य हिस्सा ले रहे हैं। बैठक में राजनीतिक स्थिति के अलावा आर्थिक चुनौतियों पर चर्चा की जाएगी और साथ ही 2009 के लोकसभा चुनाव के घोषणापत्र से जुड़े वायदों के कार्यान्वयन की समीक्षा भी की जाएगी।

इस बैठक में शामिल होने कांग्रेस के नेता आम जनता की तरह बसों में गए हैं। खुद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और महासचिव राहुल गांधी अन्य नेताओं के साथ दिल्ली से बस में सवार होकर रवाना हुए।

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Ditulis Oleh : shailendra gupta Hari: 05:38 Kategori: