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अनेक वर्गों की जब हम बात करते हैं तो गरीब की ही अनेक श्रेणी हैं, मजदूर की अनेक श्रेणी है। इनमें जो दबंग/बाहुबलियों के आभा क्षेत्र में जकड़ा हुआ हैं, उस तक योजना का भाग कैसे पहुंचे, यह शायद सोनिया-राहुल एवं मनमोहन की चिंता का मुख्य विषय होगा।
इसमें हटकर जो भी गरीब हैं उसकी हर योजना में हर प्रदेश सरकार में उल्लेखनीय घोटाला हुआ है और निरंतर हो रहा है। उस वर्ग की चिंता हर रा'य के मुख्यमंत्री-मंत्री-नेता दल, अधिकारी करते -करते थक जाते हैं पर चिंतायें खत्म होने का नाम नहीं लेती है। इन्हीं चिंतित समूह के बीच से जब घोटाले की परतें खुलती हैं , तो बड़े जोर शोर के साथ शिवराज सिंह जैसे मुख्यमंत्री कड़ी कार्यवाही की घोषणा करते है और घोषणा के तुरंत बाद घोटाले में लिप्त समूह को बचाने की जोड़-तोड़ शुरू कर देते हैं। खैर सारी रा'य सरकारें समदर्शी और समभाव से कार्यरत हैं, इसलिये इससे आगे की बात की जाये।
श्रीमती सोनिया गांधी, राहुल गांधी और मनमोहन सिंह के साथ यूपीए घटक दलों को कैश ट्रांस्फर के निर्णय की जितनी बधाई दी जाये कम है। क्योंकि इस योजना से जहांं 98त्न गरीब सीधे लाभन्वित होगा,वहीं वह राशि का अपने पारिवारिक प्राथमिकताओं के साथ योजनाबद्ध तरीके से व्यय कर पायेगा, अपनी जरूरतें अपने हिसाब से पूरी कर पायेगा।
संभवत: अधिकांश गैर कांग्रेस मुख्यमंत्री एवं मंत्री इसका विरोध करेंगे और जो विरोध करे उसके यहां सबसे अधिक घोटाले होंगे, इसका अनुमान आप लगा सकते है।
1. जिन जिलों में कैश ट्रांस्फर योजना लागू होगी वहां की हर योजना बीपीएल हितग्राही,राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना आदि मेें पंजीकृत लोगों की सूची आज और योजना के लागू होने के बाद देखने में 10 से 30त्न का अंतर दिखेगा।
2. गरीबी रेखा के नीचे वाले परिवारों के नाम पर जो शकर,गेहूं,चावल,केरोसिन की कालाबाजारी होती है, उसमें अधिकंाश रा'य सरकारों का संरक्षण प्रतीत होता है।
कैश ट्रास्फर योजना अभूतपूर्व इसलिये है क्योंकि इससे देश की जनसंख्या और खपत सामग्री का काल्पनिक बोझ सरकार से हटेगा, इसमें जो अंतर आयेगा वह राष्ट्रीय कोष को बढ़ायेगा ऐतिहासिक
इसलिए है कि हमारे देश का निर्माण करने वाला श्रमिक वर्ग है यूएसए की ग्रीनकार्र्र्र्ड पेंशन योजना के समकक्ष आधार कार्य जीविकोपार्जन राशि का हकदार हो जायेगा।
क्या है कैश ट्रांस्फर योजना
देश में रह रहे ग्रामीण और शहरी गरीब परिवार को सस्ती दरों में राशन,केरोसिन आदि प्रदाय करने में भारत सरकार सस्ती दरों मं जो भी उपलŽध कराती आई है उसका न्यूनतम बाजार मूल्य आंक कर सरकार अनुदान राशि को हर परिवार के खाते में सीधे ट्रांस्फर कर देगी, इससे गरीब आदमी को राशन की दुकान से मिलने वाली सामग्री के लिये कहीं कोई चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा वह सीधे बाजार से अपनी इ'छा और प्राथमिकता की रूचि अनुसार क्रय कर लेगा। इससे उसके कार्य दिवस की हानि नहीं होगी,उसमें गरीबी का हीनता बोध समाप्त होगा। साथ ही भारत सरकार-कांग्रेस सरकार यू पी ए सरकार को जो अनुदान के बाद भी अनेक अव्यवस्था,समन्वय और आलोचना का व्यर्थ शिकार होना पड़ता है उससे इसे मुक्ति मिलेगी। साथ ही इन योजनाओं में जो आव्यवस्था के कारन भारी अंतर का काल्पनिक संख्या भ्रष्टाचार नीचे फैल रहा है उस पर एक साथ रोक होगी। जो निश्चित ही, क्रांतिकारी कदम हैं। यूपीए सरकार और सोनिया,राहुल-मनमोहन इसके लिये बधाई के, अभिनंदन के पात्र हैं।