Wednesday 26 December 2012

दिल्ली पुलिस में 33 फीसद महिलाएं हों भर्ती

नई दिल्ली/ गैंगरेप के बाद उपजे जनाक्रोश को शांत करने और भविष्य में महिलाओं के साथ अत्याचारों पर अंकुश लगाने के लिए अब तमाम उपाय सुझाये जाने लगे हैं.दिल्ली के छह कांग्रेसी विधायकों ने सोमवार शाम गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे से मुलाकात कर उन्हें एक मांग पत्र सौंपा, जिसमें मांग की गई है कि दिल्ली पुलिस में 33 फीसद महिलाएं होनी चाहिए.


इसके अलावा जिस तेजी से दिल्ली की आबादी बढ़ी उसके अनुपात में पुलिसकर्मियों की संख्या बेहद कम है, उनकी संख्या बढ़ाई जाए, हर थाने में एसएचओ अथवा एडिशनल एसएचओ में से एक महिला हो. हर थाने में महिलाओं की सुनवाई के लिए एक अलग कक्ष हो और वहां महिला पुलिसकर्मी ही तैनात हों.

गृह मंत्री से मिलने नॉर्थ ब्लॉक पहुंचने वालों में मुख्यमंत्री के संसदीय सचिव मुकेश शर्मा, वरिष्ठ कांग्रेस विधायक सुभाष चोपड़ा, चौधरी मतीन अहमद, सुरेन्द्र कुमार, मालाराम गंगवाल व नसीब सिंह शामिल थे. इन विधायकों ने गृह मंत्री से आग्रह किया है कि थाना स्तर पर महिला समिति गठित की जाए और हर थाने में एक अलग कक्ष हो,

जहां महिला पुलिसकर्मी 24 घंटे तैनात हो, ताकि कोई महिला बिना किसी झिझक के अपनी शिकायत अथवा एफआईआर दर्ज करा सके. श्री शिंदे को सौंपे ज्ञापन में इन विधायकों ने कहा है कि जब लोकसभा में महिलाओं के लिए 33 फीसद आरक्षण की वकालत की जा रही है और दिल्ली नगर निगम में 50 फीसद सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित कर दी गई हैं तो दिल्ली पुलिस में महिलाओं के लिए 33 फीसद आरक्षण क्यों नहीं हो सकता.

मांग पत्र में यह भी मांग की गई है कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों, वरिष्ठ नागरिकों एवं चरित्रवान युवक-युवतियों को होमगार्ड में भर्ती किया जाए. इसके साथ ही मृतप्राय सिविल डिफेंस को दोबारा जीवित किया जाए. मुकेश शर्मा ने दावा किया कि गृह मंत्री ने होमगार्ड में भर्ती व सिविल डिफेंस को दोबारा जीवित करने की मांग को स्वीकार कर लिया है, बाकी मांगों पर भी उन्होंने गंभीरतापूर्वक गौर करने का आासन दिया है.

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Ditulis Oleh : shailendra gupta Hari: 01:01 Kategori: