Saturday 29 December 2012

कांग्रेस महज पार्टी नहीं इतिहास भी है

वाराणसी / कांग्रेस महज पार्टी नहीं वरन एक इतिहास भी है। राष्ट्र की एकता-अखंडता एवं सर्वधर्म संभाव पार्टी की पहचान रही है। शहीद नेताओं की कुर्बानियों से प्रेरणा लेते हुए कांग्रेस की खोई प्रतिष्ठा एवं जनाधार पुन: वापस लाने का संकल्प लिया गया।

कांग्रेस के 127 वें स्थापना दिवस के अवसर पर शुक्रवार को बैठक व गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिला कांग्रेस कमेटी की ओर से मैदागिन स्थित कार्यालय पर स्थापना दिवस को संकल्प दिवस के रूप में आयोजित किया गया।

इस मौके पर वरिष्ठ कांग्रेसी एवं पूर्व कुलपति गोरखपुर विश्वविद्यालय प्रो. बेनी माधव शुक्ल एवं प्रो. आरके मिश्र, पूर्व विधायक मांडवी प्रसाद, समाजसेवी राधारमण को गांधी टोपी और स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया। प्रो. शुक्ल ने कार्यकर्ताओं से कांग्रेस के गौरवशाली इतिहास से प्रेरणा लेने व विचारधारा को आगे बढ़ाने का आह्वान किया। इस अवसर पर पूर्व सांसद डॉ. राजेश मिश्रा, पूर्व मंत्री वीरेंद्र सिंह, हाजी रईस अहमद, सतीश चौबे, प्रजानाथ शर्मा, डॉ. अनिल उपाध्याय, राबिया कलाम, डॉ. दयाशंकर मिश्र, रामसुधार मिश्र, मनोज द्विवेदी, दुर्गा प्रसाद गुप्त, किरण सिंह, पूनम कुंडू, वैभव कुमार आदि ने भी संबोधित किया। अध्यक्षता जिलाध्यक्ष मणिशंकर पांडेय ने की। इंग्लिशियालाइन कार्यालय में आयोजित विचार गोष्ठी में कहा गया कि भारत की आजादी से लेकर अब तक राष्ट्र की एकता-अखंडता को अक्षुण्ण बनाए रखने में कांग्रेस ने कुर्बानियां दी है। मौजूदा दौर में जब गैर कांग्रेसी राजनीतिक पार्टियां क्षेत्रवाद, जातिवाद, संप्रदायवाद की कुंठित मानसिकता से राष्ट्रीय हितों पर प्रहार कर रही हैं, कांग्रेस अपनी नीति पर अडिग है। गोष्ठी को विधायक अजय राय, विजय शंकर पांडेय, बैजनाथ सिंह, गणेश शंकर पांडेय, भूपेंद्र प्रताप सिंह, अशोक कुमार पांडेय, माधव उपाध्याय, शैलेंद्र सिंह, मो. अरशद, अरविंद सिंह, विजय शंकर मेहता आदि ने संबोधित किया। इसी क्रम में महानगर कांग्रेस सेवा दल की ओर से अस्सी स्थित कार्यालय पर गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी को गोविंद शर्मा, प्रमोद सिंह, किरन तिवारी, विक्रम, संदीप, आशीष आदि ने संबोधित किया।

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Ditulis Oleh : shailendra gupta Hari: 01:58 Kategori: