नई दिल्ली/ प्रदर्शनकारियों का कोई एक नेता होता तो विजय चौक पर जारी प्रदर्शन को रविवार की दोपहर ही खत्म करा लिया जाता.दरअसल कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सुबह मिलने आए प्रतिनिधिमंडल की सभी एक दर्जन मांगें मान ली थीं और वे संतुष्ट होकर लौटे थे.
ये प्रदर्शनकारी विजय चौक और उससे लगे क्षेत्र में प्रदर्शन कर रहे हजारों लोगों को समझा नहीं पाए कि सोनिया गांधी ने उनकी मांगें मान ली हैं.
प्रदर्शनकारी बलात्कार की सजा फांसी करने की मांग कर रहे हैं जिसके लिए सोनिया गांधी ने कानून में संशोधन कराने का भरोसा दिलाया था. इस बैठक में सोनिया के अलावा राहुल गांधी, गृह राज्यमंत्री आरपीएन सिंह और कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी उपस्थित थीं.
सोनिया गांधी के यहां बैठक के लिए खास तौर पर बुलाई गई कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी ने भी इस बात को माना कि प्रतिनिधिमंडल की प्रदर्शनकारियों पर कोई पकड़ नहीं थी. इसलिए बातचीत का बहुत फायदा नहीं हुआ. उन्होंने 'राष्ट्रीय सहारा' से कहा कि प्रतिनिधिमंडल में जो 10 व्यक्ति आए थे उनमें सिर्फ दो व्यक्ति, जो आपस में पति-पत्नी थे उनको छोड़कर कोई एक-दूसरे को जानता तक नहीं था.
यही वजह रही कि वे अलग-अलग झुंड में प्रदर्शन कर रहे व्यक्तियों को धरना खत्म करने के लिए समझा नहीं सके. रेणुका चौधरी ने कहा कि अगर यह प्रदर्शन समन्वित होता तो सरकार को संवाद करने में सुविधा रहती और यह मामला सुलझ जाता.
बैठक में रहे गृह राज्यमंत्री आरपीएन सिंह ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए सार्वजनिक स्थलों पर सीसीटीवी कैमरे, बसों में जीपीएस, महिलाओं की हेल्पलाइन, बलात्कार मामलों की सुनवाई के लिए फॉस्ट ट्रैक कोर्ट, कानून में बदलाव ही प्रदर्शनकारियों की प्रमुख मांगे थीं.
उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों में कुछ असामाजिक तत्वों के घुस आने और तोड़-फोड़ करने से स्थिति अप्रिय जरूर हुई लेकिन सरकार ने पहले भी कहा है और आगे भी उसे यही कहना है कि शांतिपूर्वक प्रदर्शन करके भी अपनी बात रखी जा सकती है.