भोपाल\ मध्य प्रदेश के डिंडौरी
जिले में विभिन्न निर्माण कार्यो के लिए अनुसूचित जनजातीय वर्ग के किसानों
की जमीन अधिग्रहीत कर उनका पुनर्वास न किए जाने का आरोप लगाते हुए
कांग्रेस ने विधानसभा में हंगामा किया और सदन से बहिर्गमन किया.
कांग्रेस
विधायक ओमकार सिंह मरकाम ने गुरुवार को डिंडौरी जिले में कई विभागों के
विकास कार्यो के लिए किसानों की जमीन अधिग्रहीत किए जाने का मामला उठाया.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों को पांच लाख
रुपये प्रति एकड़ मुआवजा देने का ऐलान किया था, मगर डिडौरी जिले में ऐसा
नहीं हो रहा है, साथ ही पुनर्वास नीति का पालन भी नहीं किया जा रहा है.
राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा का जवाब था कि पुनर्वास नीति का पूरी तरह
पालन किया जा रहा है. जहां तक मुआवजे की बात है, मुख्यमंत्री ने हाल ही में
इसकी घोषणा की है. डिंडौरी में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया 2006 से ही चल
रही है. वर्मा के जवाब पर मरकाम व अन्य विधायकों ने आपत्ति दर्ज कराई. उनका
आरोप था कि किसानों को अब तक मुआवजा मिला नहीं और मंत्री 2006 से हो रहे
अधिग्रहण का हवाला दे रहे हैं.
इतना ही नहीं, राजस्व मंत्री यह भी नहीं बता
पाए कि पुनर्वास नीति के तहत अनुसूचित जनजाति वर्ग के कितने किसानों को
किस गांव में पुनर्वास के लिए जमीन दी गई है. विधायक बिसाहू लाल सिंह ने
कहा कि जनजातीय वर्ग की जमीन अधिग्रहित किए जाने पर उन्हें अन्यत्र उतनी ही
जमीन देने का प्रावधान है, मगर डिंडौरी में ऐसा नहीं होने का आरोप लगाया
गया है. इस पर राजस्व मंत्री ने पुनर्वास नीति का पालन किए जाने की बात तो
कहीं कही, मगर ब्योरा देने के लिए समय मांगा. राजस्व मंत्री के जवाब से
असंतुष्ट कांग्रेस विधायकों ने सरकार पर जनजातीय वर्ग विरोधी होने का आरेाप
लगाते हुए हंगामा किया और नारेबाजी करते हुए सदन से बहिर्गमन कर गए।