Wednesday, 16 January 2013

तेलंगाना मसला: कांग्रेस नेता 17 को बनाएंगे रणनीति


हैदराबाद/ आंध्र प्रदेश के विभाजन को रोकने के लिए रायलसीमा क्षेत्र के कांग्रेस नेता 17 जनवरी को यहां बैठक कर अपनी रणनीति तय करेंगे। बैठक में सीमांध्र क्षेत्र से ताल्लुक रखने वाले मंत्री और विधायक हिस्सा लेंगे। यह बैठक तब बुलाई गई जब तेलंगाना क्षेत्र के दो मंत्रियों ने दावा किया कि उन्हें केंद्र सरकार से संकेत मिला है कि इस महीने के अंत तक राज्य के विभाजन की घोषणा हो जाएगी।


रायलसीमा से ताल्लुक रखने वाले राज्य के मंत्री शैलजानाथ ने मंगलवार को संवाददाताओं को बताया कि बैठक में हम तय करेंगे कि केंद्रीय नेतृत्व को क्षेत्र के पार्टी नेताओं के विचारों से किस प्रकार अवगत कराया जाए। उन्होंने कहा कि हम पहले राज्य के बंटवारे का विरोध कर चुके हैं। हम चर्चा करेंगे और निर्णय लेंगे कि आगे क्या करना है।

उधर, तटीय आंध्र क्षेत्र से राज्य के मंत्री जी. श्रीनिवास राव पहले ही चेतावनी दे चुके हैं कि केंद्र सरकार ने यदि अलग तेलंगाना राज्य गठन पर सहमति जताई तो वह पद छोड़ देंगे। राज्य के वित्त मंत्री अनाम रामनारायण रेड्डी ने कहा कि आंध्र प्रदेश को एकीकृत रखने के उद्देश्य से रणनीति तय करने के लिए बुलाई गई बैठक में वह भी भाग लेंगे। वहीं, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव पी. सुधाकर रेड्डी को लगता है कि तेलंगाना क्षेत्र के नेताओं के गुट ने सार्वजनिक तौर पर अपने विचार को प्रचारित कर गलती की है। उन्होंने सभी नेताओं को सलाह दी है कि वे तब तक धर्य बनाए रखें जब तक केंद्र सरकार इस मुद्दे पर फैसला नहीं ले लेती।

गौरतलब है कि तेलंगाना के दो मंत्रियों ने सोमवार को कहा था कि उन्हें संकेत मिले हैं कि तेलंगाना राज्य का गठन जल्द ही हकीकत बनेगी। उनमें से एक ने कहा था कि हैदराबाद 10 से 12 वर्षो तक तेलंगाना की राजधानी रहेगी। सीमांध्र की अन्य पार्टियों के नेताओं ने भी दोनों मंत्रियों के बयान पर चिंता प्रकट की है।

वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के विधायक गुरुनाथ रेड्डी ने कहा कि वे आंध्र को एकीकृत रखने के लिए अपनी जान तक देने को तैयार हैं। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने तेलंगाना मुद्दे पर 28 दिसम्बर को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के बाद कहा था कि इस मुद्दे पर एक महीने के भीतर फैसला लिया जाएगा।

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Ditulis Oleh : shailendra gupta Hari: 06:41 Kategori: