नईदिल्ली।''वे हमारे नेता हैं और आगामी लोकसभा चुनाव उनके नेतृत्व में ही लड़ने की हमारी इच्छा है।''इन शब्दों के साथ सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने राहुल गांधी की भविष्य की भूमिका पुन: एक बार तय कर दी। तिवारी ने यह भी स्पष्ट किया कि 2014 में होने वाले लोकसभा चुनाव में कुछ राज्यों में गठबंधन बरकरार नहीं रहेगा।
लोकसभा चुनाव में अभी एक साल का समय बाकी है, प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के लिए भारतीय जनता पार्टी के नरेंद्र मोदी का नाम चर्चा में है। इस कारण कांग्रेस की ओर से प्रधानमंत्री पद के लिए राहुल गांधी को 'प्रोजेक्ट' किया जाएगा क्या, यह सवाल तिवारी से पूछा गया था। तिवारी ने कहा कि राहुल पार्टी संगठन में अधिक सक्रिय हों, यह मांग अनेक लोगों ने की है। साथ ही उन्हें राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय समस्याओं की ओर भी देखना चाहिए, यह भी कुछ लोगों का मानना है। राहुल हमारे नेता हैं और 2014 का चुनाव उनके नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा, ऐसी भी अपेक्षा है।
मित्र दलों को साथ रखने की कोशिश होगी, पर...
कुछ राज्यों में कांग्रेस गठबंधन सरकार में शामिल है। लोकसभा चुनाव में यह गठबंधन बरकरार रहेगा क्या, यह पूछे जाने पर तिवारी ने कहा कि 'हमारे मित्र और सहयोगी दलों को साथ रखने का हम प्रयत्न करेंगे। मुझे नहीं लगता कि गठबंधन कायम रखने में कोई दिक्कत आएगी। पिछले नौ सालों से हमने गठबंधन सरकार चलाकर दिखाई ही है पर स्थानीय स्तर पर कार्यकर्ताओं की भावना और उनकी तरफ से आई रिपोर्ट पर भी कुछ निर्णय निर्भर होते हैं। इस प्रक्रिया में कदाचित कुछ नए संबंध बनाना पडेंगे और कांग्रेस उसके लिए तैयार है।
''इसके पहले प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार अटलबिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी को हमने पराजित किया है। अब आगामी चुनाव में प्रधानमंत्री पद के लिए रेस में उतारना, यह विरोधी पार्टी तय करेगी। उनका प्रत्याशी कोई भी रहे, हम उनके खिलाफ लडेंगे ही!
-मनीष तिवारी, सूचना एवं प्रसारण मंत्री