Monday, 14 January 2013

महाराष्ट्र में कांग्रेस अपने बूते पर लड़े, यही राहुल की इच्छा!

मुंबई। आगामी लोकसभा चुनाव महाराष्ट्र में 'स्वबल' पर लड़ने की कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी की इच्छा है। इसके लिए उन्होंने राज्य के नेताओं से गंभीरतापूर्वक चर्चा शुरू की है और उनकी इस इच्छा का अधिकांश नेताओं ने समर्थन किया है। विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक, प्रदेश कांग्रेस ने 'स्वबल' रिपोर्ट तैयार की है। जयपुर में होने वाले कांग्रेस के राष्ट्रीय चिंतन शिविर में इस पर गहन चर्चा होने का दावा कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने किया है। 


खुद के बूते पर लड़ने का मामला अभी गुलदस्ते में है तो भी इस मुद्दे पर चर्चा शुरू होने की बात का समर्थन कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने किया। राज्य की 48 लोकसभा सीटों पर कौन कितना मजबूत है, यह सभी जानते हैं। यह कहते हुए कांग्रेस नेता ने स्वबल पर लड़ने के निर्णय की मानसिकता दिखाई। राज्य में 1999 से कांग्रेस—राष्ट्रवादी कांग्रेस की गठबंधन सरकार है, पर गठबंधन होने से राजनीति में राष्ट्रवादी कांग्रेस को मजबूती मिलती है। इस कारण 48 सीटों में बंटवारे पर कांग्रेस के हिस्से में 25 सीटें आती हैं। इनमें से करीब 14 से 15 स्थानों पर कांग्रेस निश्चित ही जीत सकती है तो राष्ट्रवादी कांग्रेस 23 सीटों में से 7 या 8 पर। 

 मुलुंड, भंडारा और नाशिक—इन तीनों लोकसभा सीटों में कांग्रेस की ताकत राष्ट्रवादी को चुनौती देने वाली है तो सतारा में राष्ट्रवादी उदयन राजे के कारण जीतते आई है। इस कारण राष्ट्रवादी के खाते की इन चारों सीटों पर कांग्रेस की शक्ति प्रभावी और निर्णायक होने का खुलासा कांग्रेस नेताओं ने पार्टी आलाकमान के सामने किए जाने का समझा जाता है। इसके अलावा कांग्रेस के अनेक संसदीय क्षेत्रों में राष्ट्रवादी नेताओं की कांग्रेस विरोधी गतिविधियां बढ़ने से कांग्रेस उम्मीदवारों की पराजय की संभावना से भी पार्टी आलाकमान को अवगत कराया गया है। 

पार्टी आलाकमान को इस तथ्य से भी अवगत कराया गया है कि गठबंधन के इस राजनीतिक समीकरण के कारण कांग्रेस को नुकसान तो राष्ट्रवादी को अधिक फायदा होता है। यह दावा भी किया गया है कि इसके बजाय कांग्रेस यदि सभी 48 सीटों पर चुनाव लड़ती है तो उसे 23 से 25 सीटों पर सफलता मिल सकती है।

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Ditulis Oleh : shailendra gupta Hari: 02:17 Kategori: