नई दिल्ली/ पाकिस्तान ने एक बार फिर युद्ध विराम का उल्लंघन करते हुए भारतीय सीमा में घुसपैठ और गोलीबारी की है। इस हमले में दो भारतीय जवान शहीद हो गये। भारत में इसे लेकर जबरदस्त जनाक्रोश है। कांग्रेस ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि पाकिस्तान हमारे सब्र की परीक्षा न ले।
कांग्रेस प्रवक्ता राशिद अल्वी ने कहा है कि पकिस्तान ने जो कुछ भी हमारी सरहद पर किया वो निन्दनीय है लेकिन जिस तरह हमारे सिपाहियों की गर्दन काटी गई है ये एक वहशियाना सुलूक है। पकिस्तान हमारे सब्र का इम्तेहान न ले, हिन्दुस्तान के सब्र का पैमाना लबरेज हो चुका है।
अल्वी के मुताबिक पहले जब हम पाकिस्तान की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ा रहे थे तब वो करगिल में बंकर बना रहे थे और अब जब हम उनके होम मिनिस्टर का इस्तकबाल कर रहे हैं तो वो हमारे सिपाहियों का सिर काट रहे हैं।
पाकिस्तान भारत के सब्र का इम्तेहान न ले: कांग्रेस
पाकिस्तान के इस कायराना हमले पर पूर्व आर्मी चीफ जनरल शंकर राय चौधरी ने कहा है कि ये पाकिस्तान की नीति है। जेहादी और पाकिस्तान आर्मी मिलकर बॉर्डर पर काम करती है। ये अमानवीय घटना बार बार होती है। भारत अपने आप को डराता आया है कि अगर हमने जवाबी कार्रवाई की तो न्यूक्लियार वार हो जाएगा। दोनों देश के बीच बातचीत की बात बेकार है।
बीजेपी नेता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि पाकिस्तान की ये कार्रवाई निंदनीय है। भारत की जनता इसके खिलाफ है। सरकार को ठोस कार्रवाई करनी चाहिए ताकि पकिस्तान ऐसी हरकत दुबारा न कर सके। रिटायर्ड कैप्टन भारत वर्मा ने पाकिस्तान की इस कार्रवाई पर कहा है कि ये नींदनीय है। पाक को बेनकाब करने का समय आ गया है। बीजेपी नेता अरुण जेटली ने कहा है कि अब पकिस्तान पर आंख बंद कर भरोसा करना भारत की भूल होगी और सरकार जो बड़े उत्साह के साथ बातचीत का दौर चला रही थी, उसे अब एक लाल रेखा के अन्दर रखना चाहिए।
लखनऊ के मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने पाकिस्तान के सीजयफायर के उल्लंघन पर कहा है कि एक तरफ अमन की आशा करते हैं और दूसरी तरफ इतनी बर्बरता की इन्तहा करते हैं। इसके खिलाफ सख्त से सख्त कदम उठाने चाहिए। वहीं भारत-पाकिस्तान सीमा के पास रहने वाले लोगों का कहना है कि फायरिंग की वजह से हम परेशान हो जाते हैं। पाकिस्तान ने फायरिंग की है। हम चाहते हैं वो अमन से रहे, शान्ति से रहे। पाकिस्तान बहुत गलत कर रहा है।
पूर्व ले. जनरल वेस्टर्न कमांड बी एस मलिक के मुताबिक दूसरों पर उंगली उठाने से पहले खुद को देखना पड़ेगा। कहीं ना कहीं हमारी कूटनीति काम नहीं कर रही है। कूटनीति के साथ साथ हमारी क्षमता क्या है? ये भी देखना होगा। डिफेंस का बजट कम होता जा रहा है। ये हमारी क्षमता पर सवाल है।
रक्षा विशेषज्ञ उदय भास्कर के मुताबिक दो जवान मारे गए हैं। जो म्यूटिलेशन की बात हो रही है। ये संवेदनशील है। करगिल के समय जो कैप्टन कालिया के साथ अत्याचार हुआ था, वो हम सबको याद है। भारत-पाक का इतिहास जटिल है। मेरी राय है कि भारत सरकार को कूटनैतिक तौर पर कदम उठाना चाहिए। ये पूरे क्षेत्र के लिए नाकारात्मक है।