Thursday 10 January 2013

झारखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश, हेमंत सोरेन दिल्ली में


झारखंड/  झारखंड के राज्यपाल ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की है. मालूम हो कि झारखंड की राजनीति पहले ही दिल्ली पहुंच गई थी. जेएमएम नेता हेमंत सोरेन मंगलवार 8 जनवरी को देर शाम दिल्ली में पहुंचे. इसके साथ ही राजनीतिक हलकों में माना जाने लगा कि हेमंत शीष्र कांग्रेस नेताओं से बुधवार 9 जनवरी को मुलाकात करेंगे.


हेमंत जेएमएम नेता शिबू सोरेन के बेटे हैं और मुंडा सरकार में राज्य के उपमुख्यमंत्री थे. दिल्ली हवाई अड्डे पर मंगलवार 8 जनवरी को देर शाम संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा कि राज्य में बातचीत के सभी विकल्प खुले हुए हैं. बीजेपी के सवाल पर भी उन्होंने यही कहा कि उसके भी विकल्प खुले हैं.


लोकतंत्र की रक्षा करेंगे


मुंडा सरकार में उपमुख्यमंत्री रहे हेमंत सोरेन ने कहा कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए वह किसी से भी बातचीत कर सकते हैं.

हेमंत सोरेन के साथ मथुरा प्रसाद महतो, साइमन मरांडी, चंपई सोरेन, संजीव कुमार भी दिल्ली आए हैं.

सूत्रों का कहना है कि हेमंत दिल्ली में बीजेपी और कांग्रेस आलाकमान से मुलाकात करेंगे. उनकी दिल्ली यात्रा का उद्देश्य झारखंड राजनीतिक संकट को समाप्त करना है.

सूत्रों ने बताया कि झारखंड के कई कांग्रेस नेता भी इस वक्त में ही हैं. कांग्रेस की तरफ से प्रदीप बालमुचू को निर्दलीय विधायकों से बातचीत का ज़िम्मा दिया गया है.

उधर झारखंड की राजनीति पर केंद्र भी नज़र बनाए हुए है और राज्यपाल सैयद अहमद की रिपोर्ट का इंतज़ार कर रहा है. जानकारों का कहना है कि झारखंड के ताज़ा हालात पर राज्यपाल बुधवार 9 जनवरी को केंद्र को रिपोर्ट भेज सकते हैं.


सरकार बनाने का दावा करेगी जेएमएम


झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष शिबू सोरेन ने मंगलवार 8 जनवरी को रांची में कहा कि उनकी पार्टी राज्य में सरकार बनाने का दावा करेगी. उन्होंने आशा व्यक्त की कि कांग्रेस उनके दावे को समर्थन देगी.

शिबू सोरेन ने इसके अलावा अन्य सवालों का जवाब नहीं दिया.


कांग्रेस नेताओं से मुलाकात


हेमंत सोरेन ने दिल्ली रवाना होने से पहले हवाई अड्डे पर कहा कि उनकी कांग्रेस नेताओं से बातचीत चल रही है और राज्य में नयी सरकार के गठन की संभावनाओं पर शीर्ष कांग्रेस नेताओं से बातचीत के लिए ही वह दिल्ली जा रहे हैं.
झारखंड के ताज़ा हालात पर राज्यपाल बुधवार 9 जनवरी को केंद्र को रिपोर्ट भेज सकते हैं.

झारखंड में मंगलवार सुबह तेजी से घटे राजनीतिक घटनाक्रम में सत्तारूढ गठबंधन के प्रमुख घटक झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने भाजपा नीत अर्जुन मुंडा सरकार से औपचारिक रूप से समर्थन वापस ले लिया. मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा दिया और उन्हें 82 सदस्यीय राज्य विधानसभा भंग करने की सिफारिश के अपने मंत्रिमंडल के फैसले की सूचना दी.

शिबू सोरेन इस बात से आहत थे कि उनके 28-28 माह के कार्यकाल के रूप में सत्ता में भागीदारी के उनके दावे को मुख्यमंत्री ने तीन जनवरी के अपने पत्र में लिखित तौर पर झुठला दिया था. झामुमो ने समर्थन वापसी का निर्णय लेने से पहले भाजपा के कई नेताओ से बातचीत की थी लेकिन कोई हल नहीं निकल पाने के बाद यह कदम उठाया.

अब गेंद पूरी तरह राज्यपाल के पाले में है और उनके निर्णय की सभी दल उत्सुकता से प्रतीक्षा कर रहे हैं.

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Ditulis Oleh : shailendra gupta Hari: 04:47 Kategori: