नई दिल्ली/ दिल्ली की एक अदालत ने निजी समाचार चैनल पर चर्चा के दौरान कथित रूप से आपत्तिजनक और अश्लील भाषा का उपयोग करने वाले कांग्रेस सांसद संजय निरूपम के खिलाफ भाजपा सांसद स्मृति ईरानी की आपराधिक मानहानि शिकायत पर मंगलवार को संज्ञान लिया।
मेट्रोपोलियन मजिस्ट्रेट जे थरेजा ने कहा कि शिकायत में कथित अपराध पर संज्ञान लेते हुए इस मामले को आदेश के लिए सूचीबद्ध किया है। कानून के अनुसार, भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 499 (मानहानि) और 503 (धमकाना) के तहत इसका संज्ञान लिया जाता है।
भाजपा की राज्यसभा सदस्य स्मृति की याचिका पर संज्ञान लेते हुए अदालत ने उनसे निरूपम के खिलाफ लगाए गए आरोपों के संबंध में बयान दर्ज कराने के लिए कहा। अदालत में मौजूद स्मृति ने अपना बयान दर्ज कराया। इस दौरान न्यायाधीश ने वहां मौजूद मीडियाकर्मियों को अदालत कक्ष खाली करने का आदेश दिया।
अदालत ने कहा कि शिकायतकर्ता से शपथ पर पूछताछ के बाद ही प्रतिवादी (निरूपम) को बुलाने के बारे में प्रथम दृष्टया राय बनाई जाएगी। स्मृति का बयान करीब 45 मिनट तक दर्ज हुआ और कहा जा रहा है कि इस दौरान उन्होंने उनके खिलाफ निरूपम द्वारा की गईं कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणियों के बारे में अदालत को जानकारी दी।
अदालत ने स्मृति का बयान दर्ज करने और भाजपा सांसद द्वारा कुछ गवाहों की सूची देने के बाद इन गवाहों के बयानों को दर्ज करने के लिए सात फरवरी की तारीख तय की।
कार्यवाही के बाद मीडियाकर्मियों से बात करते हुए स्मृति ने कहा कि चूंकि यह मामला अदालत में लंबित है, इसलिए वे इस पर टिप्पणी नहीं करना चाहतीं। गौरतलब है कि निरूपम ने एक समाचार चैनल पर गुजरात विधानसभा चुनावों के नतीजों पर चर्चा के दौरान 20 दिसंबर, 2012 को विवादित टिप्पणियां की थीं।