Wednesday 9 January 2013

बालू की साइडों पर छापा, छह पर एफआईआर


उत्तर प्रदेश/सोनभद्र/ सोने का अंडा खाने की बजाय अंडा देने वाली मुर्गी को ही हलाल करने की मानसिकता वालों ने एक बार फिर से जनपद में अवैध खनन का खेल शुरू कर दिया है। इसका उदाहरण तब देखने को मिला जब खनिज विभाग की टीम ने सोमवार की रात कोटा और कनछ की बालू साइडों पर छापा मारा।


अवध खनन के मामले में जिलाधिकारी चंद्रकांत के कड़े रूख को देखते हुए खनिज विभाग भी सक्रिय हो उठा है। इस क्रम में छापेमारी के बाद सर्वेयर राजाराम ने मंगलवार को चोपन थाने में तहरीर दी। तहरीर के आधार पर कास्तकार बंधु, बुद्धिराम, बदन व नान्हक सहित मुंशी बृजलाल विश्वकर्मा और मऊ जनपद के साधु नामक व्यक्ति के खिलाफ अवैध खनन से संबंधित एफआईआर दर्ज कर ली गई है। सूत्रों का कहना है कि बड़गवां और कोटा सहित सोन नदी के किनारे वाले अन्य कुछ क्षेत्रों में भी अवैध खनन का खेल चल रहा है। 

यहां तक कि दस चक्का ट्रकों के अलावा काफी संख्या में ट्रैक्टर भी बालू का अवैध परिवहन करने में जुट गए हैं वहीं दूसरी ओर अवैध खनन का खामियाजा पूर्वाचल की सड़कों को ओवरलोडिंग के जरिये उठाना पड़ रहा है। अंधाधुंध ओवरलोड ट्रकों का संचालन शुरू हो गया है।


माल खाए कोई, मार खाए कोई..


खनन क्षेत्र के पट्टाधारक इन दिनों काफी मुसीबत में हैं। उनसे अनुबंध करके खनन करने वाले लोगों को एक खास फर्म की अवैध कारस्तानी का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ रहा है। वजह यह कि अवैध खनन का काम अनुबंध कराने वाले कर रहे हैं जबकि उससे संबंधित एफआईआर लीज या पट्टाधारक के नाम से होनी है और हो रही है।


असलहों के जरिये खदानों पर कब्जा..


चोपन के अरविंद मिश्रा, त्रिलोकी व जवाहिर ने जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक से लगायत थानेदार को शिकायती पत्र देकर जानमाल के सुरक्षा की गुहार लगाई है। पत्र में कहा गया है कि चार जनवरी को कोटा के अम्माटोला स्थित उनके खेतों पर कई असलहाधारी मशीनों आदि के जरिये पहुंचे और बालू परिवहन के लिए रास्ता तैयार कराने लगे। साथ ही वहां बालू का अवैध खनन शुरू कर दिया गया।


राज्यपाल को दिया ज्ञापन


जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रमेश देव पांडेय के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल दो दिन पूर्व लखनऊ स्थित राज्यपाल के आवास राजभवन पहुंचा और ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन के जरिये जनपद में खनन के दौरान होने वाले हादसों में मृत होने वाले श्रमिकों को मुआवजा न दिए जाने की शिकायत की गई। साथ पर्यावरण संरक्षण का हवाला देते हुए जनपद में खनन पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई। कहा गया कि अवैध खनन से फील्ड में झील और तालाब बन गए हैं। सैकड़ों फीट गहरी खाई में अब खनन करना हादसों को न्यौता देने जैसा है।

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Ditulis Oleh : shailendra gupta Hari: 03:15 Kategori: