
राजेन्द्र प्रसाद सिंह ने आज यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि शिबू सोरेन इंदिरा गांधी के समय भी कांग्रेस पार्टी के सहयोगी थे और वर्ष 2005 में भी उन्हें यूपीए सरकार में कोयला मंत्रालय जैसा महत्वपूर्ण विभाग सौंपा गया। जबकि परमाणु संधि के मसले पर संसद में वोटिंग के दौरान भी उन्होंने यूपीए सरकार के पक्ष में वोट दिया, जिसके कारण उन्हें मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा था। इसके अलावा अभी हाल में एफडीआई के मसले पर संसद में मतदान में भी झामुमो ने कांग्रेस नेतृत्व वाली सरकार के पक्ष में मतदान किया।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सारी राजनीतिक परिस्थितियों से पार्टी हाईकमान को अवगत करा दिया जाएगा। एक सवाल के जवाब में उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी राज्य में राष्ट्रपति शासन के पक्ष में नहीं हैं और समय पूर्व चुनाव भी नहीं होगा। उन्होंने बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में राज्य में अगले पांच वर्षों तक चलने वाली स्थायी सरकार के गठन की तैयारी की जा रही है। उन्होंने बताया कि संगठन को मजबूत करने के लिए प्रखंड स्तर पर प्रयास शुरू कर दिये गये हैं। राजेन्द्र प्रसाद सिंह ने यह भी जानकारी दी कि प्रदेश कांग्रेस की ओर से एक रिपोर्ट शीघ्र ही केन्द्रीय नेतृत्व को सौंपी जाएगी।