Saturday 19 January 2013

राहुल ने स्वीकारी उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी

जयपुर: 2014 चुनावों को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस पार्टी की वर्किंग कमेटी ने यह फैसला लिया है कि राहुल गांधी को पार्टी का उपाध्यक्ष बनाया जाए। कांग्रेस में राहुल गांधी को बड़ी जिम्मेदारी देने की तैयारी काफी दिनों से चल रही थी।

पार्टी प्रवक्ता जनार्दन द्विवेदी ने मीडिया को बताया  कि एके एंटनी ने यह प्रस्ताव बैठक में रखा कि तमाम पार्टीजन राहुल गांधी को और सक्रिय देखना चाहते हैं, इसलिए उन्हें पार्टी का उपाध्यक्ष बना दिया जाए। इस पर पूरी वर्किंग कमेटी ने मेजें थपथपाकर  अपनी सहमति दे दी। इसी के साथ राहुल गांधी पार्टी में आधिकारिक रूप से नंबर दो की हैसियत में आ गए हैं।

 2014 चुनावों को ध्यान में रखते हुए फैसला लिया गया है कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्षों और जिला अध्यक्षों को चुनाव टिकट नहीं मिलेगा। इसके साथ ही प्रभारी महासचिव भी चुनाव नहीं लड़ेंगे।

इसके साथ ही चिंतन शिविर में यह भी फैसला लिया गया है कि लोकसभा टिकटों का ऐलान साल भर पहले किया जाएगा। विधानसभा उम्मीदवार का ऐलान तीन महीने किया जाएगा। नौजवानों की चुनावों में 30 फीसदी हिस्सेदारी होगी।

गौरतलब है कि जयपुर में चल रहे कांग्रेस के चिंतन शिविर का आज दूसरा दिन है। तीन दिन तक चलने वाली इस बैठक में देशभर से पार्टी के प्रतिनिधि कई अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा करने के लिए जुटे हैं। शुक्रवार को बैठक की शुरुआत करते हुए पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने न सिर्फ पार्टी की चिंताओं का जिक्र किया, बल्कि उन मुद्दों को भी उठाया जो सीधे तौर पर समाज से जुड़े हैं।

सोनिया ने कहा कि देश के सामने इस वक्त कई राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक चुनौतियां है, जिन पर विचार की जरूरत है। सामाजिक बदलावों पर जोर देते हुए सोनिया ने कहा कि नेताओं से देश की उम्मीदें बढ़ी हैं और आम लोग भ्रष्टाचार से उब चुके हैं।

सोनिया ने माना कि बीते दिनों दिल्ली में हुए गैंगरेप की शर्मनाक घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। कांग्रेस के चिंतन शिविर में पाकिस्तान से रिश्ते में आई खटास की भी चर्चा हुई।

एलओसी पर हुई घटना के बाद उपजे तनाव को लेकर सोनिया ने साफ कर दिया कि बातचीत तभी हो सकती है, जब पाकिस्तान से रिश्ते इंसानियत के दायरे में रहें।

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Ditulis Oleh : shailendra gupta Hari: 07:07 Kategori: