छत्तीसगढ़/रायपुर/ बागबाहरा नेत्रकांड को लेकर बुधवार को विधानसभा में विपक्ष ने जमकर हंगामा मचाया। नारेबाजी और शोरशराबे के चलते प्रश्नकाल दस मिनट तक ठप रहा। कांग्रेस सदस्यों ने आरोप लगाया कि स्वास्थ्य मंत्री इस गंभीर मामले पर बैठक लेने के बजाय विदेश चले गए हैं।
विपक्षी सदस्यों ने इस मामले में लाए गए स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा, दोषिषयों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने और प्रभावितों को दस-दस लाख रुपए मुआवजा देने की मांग की। कांग्रेस सदस्यों ने राज्य सरकार पर संवेदनहीन होने का आरोप लगाते हुए सदन से वाकआउट किया। बाद में विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने स्थगन प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया।
प्रश्नकाल शुरू होते ही कांग्रेस विधायक परेश बागबाहरा ने यह मामला उठाया। उन्होंने कहा कि बागबाहरा के नेत्र शिविर में मोतियाबिंद ऑपरेशन के दौरान 12 लोगों की आंखों की रोशनी चली गई है।
उन्होंने प्रश्नकाल रोक कर चर्चा कराने की मांग की। विधानसभा अध्यक्ष ने सदस्यों से प्रश्नकाल चलने देने का आग्रह किया, लेकिन कांग्रेस सदस्य स्थगन प्रस्ताव पर तत्काल चर्चा कराने की मांग को लेकर नारेबाजी करने लगे। हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी। कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर नेता प्रतिपक्ष रविंद्र चौबे ने कहा कि हमें लग रहा था कि इस गंभीर विषय पर स्वास्थ्य मंत्री कुछ कहेंगे, लेकिन स्वास्थ्य मंत्री कहां हैं? पता ही नहीं है। चौबे ने आरोप लगाया कि सरकार संवेदनहीन हो गई है। प्रश्नकाल के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस के 38 सदस्यों द्वारा लाए गए स्थगन प्रस्ताव की सूचना दी और ग्राढ्ढह्यता पर चर्चा शुरू करवाई। स्वास्थ्य मंत्री अमर अग्रवाल की गैर-मौजूदगी में संसदीय कार्यमंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने सरकार की ओर से जवाब दिया।