
इस समिति में राहुल गांधी के अलावा सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल, कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह, कर्नाटक और केरल के प्रभारी मधुसूदन मिस्त्री, ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश और संगठन महासिचव जनार्दन द्विवेदी शामिल है।
राहुल के नेतृत्व में तीन सब कमेटियां भी बनाई गई हैं। ये सब कमेटी हैं घोषणा पत्र और सरकारी कार्यक्रम सब कमेटी, संचार और पब्लिसिटी सब कमेटी, चुनाव पूर्व गठबंधन सब कमेटी।
इन सब कमेटियों में कांग्रेस के दिग्गज नेताओं और मंत्रियों को जगह दी गई है। नए नेताओं में दीपेनद्र हुड्डा और ज्योरादित्य सिंधिया को जगह मिली है।
मालूम हो कि भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच कांग्रेस बैकफुट पर दिख रही है। खुद कांग्रेस अध्यक्ष पहले ये कह चुकी हैं कि विपक्ष के हमलों का जवाब देने के लिए सरकार और पार्टी के बीच समन्वय की जरुरत है। माना जा रहा है कि इस कमेटी के जरिए सरकार और पार्टी की छवि बदलने की लड़ाई छेड़ने की कोशिश की जाएगी।